अमृतसर के पोकर खिलाड़ी प्रभास शर्मा को ‘एमपीएल इंडिया गेमिंग चैंपियंस’ के रूप में सम्मानित किया गया
फरीदाबाद। अमृतसर के 35 वर्षीय प्रभास शर्मा अपनी असाधारण गेमिंग प्रतिभा और ‘एमपीएल इंडिया गेमिंग के एक चैंपियन’ के रूप में क्षेत्र के पहले खिलाड़ी बन गए। प्रमुख ई-स्पोर्ट्स मोबाइल प्रीमियर लीग द्वारा मिली पहचान कंपनी की तरफ से लॉन्च की गई पहल का हिस्सा है। कंपनी ने इस प्लेटफॉर्म पर देश के अलग-अलग हिस्सों में खिलाड़ियों की बेहतरान परफॉर्मेंस का जश्न मनाया।
स्पोर्ट्स और गेम खेलने के शौकीन प्रभास का ऑनलाइन पोकर की दुनिया से कॉलेज में परिचय हुआ, लेकिन उन्होंने कोरोना महामारी के दौर से पहले पोकर को पूरी तरह से नहीं अपनाया। कोरोना के समय में 2020 में उन्होंने अपना दिमाग तेज रखने के लिए पोकर में पूरी दिलचस्पी ली। उन्हें ऑनलाइन गेमिंग कम्युनिटी में ‘बाबा तूफानी’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 200 से ज्यादा टूर्नामेंट्स जीते हैं। एमपीएल पोकर मास्टर सीरीज में उनके नए मैच में उन्होंने देश भर के खिलाड़ियों से प्रतिस्पर्धा की। उन्हें भारत-पाकिस्तान वर्ल्ड कप मैच के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने का मौका मिला।
किसी दूसरे खेल की तरह पोकर में समर्पण और अभ्यास से ही सफलता मिलती है। वह नए खिलाड़ियों को संयम बरतने, वित्तीय अनुशासन में रहने और लगातार सीखने की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा, “पोकर सीखने के शुरुआती महीने काफी चुनौतीपूर्ण थे। मुझे नए कॉन्सेप्ट्स सीखने पड़े और गेम की लगातार प्रैकिट्स करनी पड़ी। हालांकि, मैं कुछ गेम हार गया, लेकिन पोकर के प्रति मेरे जुनून ने मुझे प्रेरित किया। समय के साथ-साथ मैंने मैथेमेटिकल स्किल का भी इस्तेमाल किया। उसके साथ ही मैने विरोधियों के दिमाग को पढ़ने के लिए अपनी क्षमता का इस्मेमाल किया। पोकर की आधुनिक तकनीक भी मैंने सीखी, जिससे मुझे खिलाड़ी के रूप में विकसित होने में मदद मिली। मैंने अपना गेम सुधारने के लिए वीडियो देखे और पोकर पर किताबें पढ़ीं।”
जम्मू के मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे प्रभास एक दशक पहले काम के लिए चंडीगढ़ आए। उनके माता-पिता रिटायर्ड डॉक्टर हैं, जिन्होंने मरीजों की सेवा के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया। वह शहर की स्वास्थ्य रक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए अपना योगदान दे रहे हैं। जब प्रभास बड़े हो रहे थे, उन्हें क्रिकेट, शतरंज और बैडमिंटन खेलना पसंद था। बाद में उनमें टेबलटेनिस के खेल के लिए जुनून पनपा। और वह टेबलटेनिस के राज्य स्तरीय खिलाड़ी बने।
ऑनलाइन पोकर ने धीरे-धीरे, लेकिन स्थिर रूप में अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी है। यह केवल एक शौक ही नहीं है, बल्कि व्यावहरिक कॅरियर का विकल्प है। ई-स्पोर्ट्स का उदय और गेमिंग प्लेटफॉर्म द्वारा खेल से जुड़ने के सुरक्षित तरीके की पेशकश इसका मुख्य कारण है। इससे प्रोफेशनल पोकर्स खिलाड़ियों का एक समुदाय लगातार विकसित होता जा रहा है, जो उन्हें अपने जुनून का पीछा करने और इससे अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए सशक्त बना रहा है। प्रभास का मानना है कि दूर-दराज के क्षेत्रों और क्षेत्रीय इलाकों में इंटरनेट की पहुंच से, चाहे वह उनका गृह प्रदेश जम्मू हो या अमृतसर हो, पोकर के और खिलाड़ी स्पॉटलाइट में आ सकते हैं। इससे भारत में ऑनलाइन पोकर की लोकप्रियता और बढ़ेगी।