मिठाइयों की दुकानों पर स्वास्थ्य विभाग और शिवम फ्लाइंग ने की छापेमारी, भारी मात्रा में बरामद किए रसगुल्ले
फरीदाबाद; त्योहारों के सीजन में हर साल स्वास्थ विभाग कुंभकरण नींद से जागता है और कुछ खानापूर्ति करते हुए मिठाइयों की दुकानों पर सैंपल लेकर शहर के लोगों को अपने जागने का अहसास करवाता हैं। बता दें कि सैम्पलों के लेने के बाद आई रिपोर्ट पर आज तक लगभग किसी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। बता दें कि आज स्वास्थ विभाग की टीम ने एनआईटी फरीदाबाद के दो नंबर इलाके में रसगुल्ले बनाने वाली तीन वर्कशॉपों पर छापेमारी की और वहां से सैंपल लिए ।
आज एनआईटी फरीदाबाद में सामने आया जब स्वास्थ विभाग की टीम ने एनआईटी फरीदाबाद के दो नंबर से रसगुल्लों के वर्कशॉपों से सैंपलिंग की। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक CM फ्लाइंग से उन्हें सूचना मिली थी जिसके बाद रसगुल्ले बनाने वाली तीन वर्कशॉपों पर छापेमारी की गई और वहां से बकायदा सैंपल भी लिए गए है। लेकिन स्वास्थ्य के अधिकारी ने बताया कि इनके सैंपल को जांच के लिए भेजा जाएगा जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन जब उनसे सवाल किया गया कि तब तक क्या इन रसगुल्लों को जप्त किया जाएगा तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा नहीं यह रसगुल्ले मार्केट में बेचे जाएंगे अब आप ही अंदाजा लगा लीजिए कि यदि सैंपल फेल आया तो रसगुल्ले मार्केट में बेचे जाने का जिम्मेदार कौन होगा।
एनआईटी फरीदाबाद के दो नंबर इलाके में सीएम फ्लाइंग की सूचना के बाद यह फ्लाइंग को साथ लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रसगुल्ले बनाने वाले 3 वर्षों पर पर छापेमारी करते हुए वहां से स्कूलों के सैंपल लिए इस मौके पर जो स्वास्थ विभाग के अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रसगुल्ले बनाने वाली दो वर्क शॉप पर रसगुल्ले बनाने का लाइसेंस है लेकिन हीरालाल के पास कोई भी कागजात नहीं थे और वह अवैध तरीके से यहां पर रसगुल्ले बना रहा था जिस के सैंपल लिए गए हैं और सैंपल को जांच के लिए भेजा जाएगा जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी लेकिन स्वास्थ्य की तरफ से केवल सैंपल लिए गए लेकिन खामियां पाने के बावजूद भी हीरालाल द्वारा बनाए गए रसगुल्ले को जप्त नहीं किया गया जबकि मीडिया के कैमरे में रसगुल्ला में चींटी बाल व अन्य प्रकार के कई समान मिले।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने जिन दो रसगुल्ले बनाने वाली वर्कशॉपों को वहां पर रसगुल्ले बनाने की परमिशन दी है वह किस आधार पर दी गई है क्योंकि रिहायशी इलाके में इस प्रकार के किसी भी गतिविधि को परमिशन नहीं दी जा सकती यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा की आखिर में रिहायशी इलाके में रसगुल्ले बनाने की परमिशन देने वाले स्वास्थ विभाग के अधिकारी कौन थे और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।